RBI के नए 26वें गवर्नर Sanjay Malhotra

RBI के नए गवर्नर Sanjay Malhotra

RBI के नए गवर्नर Sanjay Malhotra

Sanjay Malhotra, जो 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और राजस्थान कैडर के, को तीन साल के कार्यकाल के लिए (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) RBI का नया Governor नियुक्त किया गया है। वह शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जो भारतीय केंद्रीय बैंक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रमुख रहे हैं।

आईआईटी से लेकर सार्वजनिक नीति तक

Sanjay Malhotra
RBI के नए गवर्नर Sanjay Malhotra

Sanjay Malhotra के पास 33 वर्षों का समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है, जिसमें उन्होंने विभिन्न सरकारी और केंद्रीय विभागों में काम किया है। उन्होंने बिजली, वित्त, कराधान, सूचना प्रौद्योगिकी और खनन सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य किया। 1 दिसंबर 2022 को उन्होंने वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का कार्यभार संभाला, इसके बाद वित्तीय सेवाओं के विभाग के सचिव के रूप में उनकी नियुक्ति हुई।

शैक्षिक पृष्ठभूमि

Sanjay Malhotra ने 1989 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनकी प्रशासनिक यात्रा में राज्य-स्वामित्व वाली REC लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और बिजली मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं।

राजस्व और कर सुधार

Sanjay Malhotra को महामारी के दौरान सरकार की आय में भारी गिरावट के बाद राजस्व बढ़ाने और अर्थव्यवस्था में अधिक लोगों को कर दायरे में लाने में योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी नियुक्ति एक अजीब मोड़ के रूप में आई है, खासकर जब शक्तिकांत दास के कार्यकाल को एक और विस्तार मिलने की अटकलें थी।

महत्वपूर्ण चुनौतियाँ और मुद्रास्फीति नियंत्रण

RBI में माहात्मा के आने से बैंक को उच्च मुद्रास्फीति और धीमी आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन बनाने की चुनौती होगी। RBI की मौद्रिक नीति समिति ने दिसंबर की बैठक में दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया ताकि मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखा जा सके। उनका कार्यकाल केंद्रीय बैंक के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि उन्हें उच्च मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास में सुस्ती के बीच का संतुलन बनाए रखना होगा।Central University of Haryana में विभिन्न पदों के लिए Job Notification

प्रमुख कार्य और दृष्टिकोण

Sanjay Malhotra की नियुक्ति का स्वागत किया जाएगा, विशेष रूप से उन लोगों द्वारा जो RBI की डिजिटल परिवर्तन और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देते हैं। उनका दृष्टिकोण और नीतिगत समझ केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के मुद्दों पर सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकती है।

Sanjay Malhotra का प्रशासनिक और तकनीकी दृष्टिकोण

Sanjay Malhotra के पास तकनीकी और प्रशासनिक कौशल है जो आरबीआई के मौजूदा और भविष्य के उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक हो सकता है। उनकी नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका है, जो उनके नेतृत्व में आरबीआई की मौद्रिक और वित्तीय नीतियों को आकार देने में सहायक हो सकती है।Jewar Airport पर पहली उड़ान की ऐतिहासिक लैंडिंग, अप्रैल 2025 से उड़ान सेवाओं की तैयारी

RBI का डिजिटल परिवर्तन

Sanjay Malhotra के दृष्टिकोण से आरबीआई के डिजिटल परिवर्तन और तकनीकी विकास को गति मिलेगी। उनके नेतृत्व में वित्तीय समावेशन और तकनीकी विकास के प्रयासों को समर्थन मिल सकता है।

निष्कर्ष

Sanjay Malhotra का कार्यकाल आरबीआई के लिए चुनौतीपूर्ण समय में आता है। उनके पास जो अनुभव और दृष्टिकोण हैं, वे केंद्रीय बैंक को उच्च मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि की समस्याओं पर नियंत्रण रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।के सामने आने वाले वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां होंगी। सबसे पहले, उन्हें उच्च मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नीतियां बनानी होंगी, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहे। इसके अलावा, उन्हें आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय समावेशन और तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करना होगा। वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू मांग की सुस्ती के बीच, उन्हें केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति को संतुलित करना होगा ताकि आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच तालमेल बनाए रखा जा सके। यह उनके नेतृत्व में एक चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण कार्य होगा।के सामने आने वाले वर्ष में कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां होंगी। सबसे पहले, उन्हें उच्च मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नीतियां बनानी होंगी, जिससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनी रहे। इसके अलावा, उन्हें आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय समावेशन और तकनीकी नवाचारों को प्रोत्साहित करना होगा। वैश्विक अनिश्चितताओं और घरेलू मांग की सुस्ती के बीच, उन्हें केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति को संतुलित करना होगा ताकि आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति के बीच तालमेल बनाए रखा जा सके। यह उनके नेतृत्व में एक चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण कार्य होगा।साथ ही, Sanjay Malhotra को केंद्रीय बैंक की डिजिटल और तकनीकी परिवर्तनात्मक पहलों को गति देने का काम भी करना होगा, जिससे वित्तीय समावेशन और वित्तीय सेवाओं की दक्षता में सुधार हो सके। इन चुनौतियों का सामना करना उनके लिए निर्णायक साबित हो सकता है।