Ravichandran Ashwin का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से retirement: एक युग का अंत

Ravichandran Ashwin

Ravichandran Ashwin का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से retirement: एक युग का अंत

भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख स्पिनर Ravichandran Ashwin ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से retirement की घोषणा कर दी है। यह घोषणा उन्होंने ब्रिस्बेन के गाबा स्टेडियम में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। अपने 14 साल के शानदार करियर को अलविदा कहते हुए अश्विन ने क्रिकेट प्रशंसकों और टीम के साथी खिलाड़ियों को भावुक कर दिया।

Ravichandran Ashwin का रिकॉर्ड-ब्रेकिंग करियर

Ravichandran Ashwin का करियर उपलब्धियों और रिकॉर्ड्स से भरा हुआ है। उन्होंने 2010 में डेब्यू किया और जल्द ही भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद स्पिनरों में से एक बन गए। अश्विन ने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए, जो औसतन 24 के बेहतरीन आंकड़े पर आए। वह अनिल कुंबले (619 विकेट) के बाद भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका सफर कई उपलब्धियों से भरा रहा है। अश्विन ने मात्र 98 मैचों में 500 टेस्ट विकेट पूरे किए, जो उन्हें मुथैया मुरलीधरन के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाले दूसरे सबसे तेज गेंदबाज बनाता है। उनके नाम 37 बार पारी में पांच विकेट लेने का रिकॉर्ड है, जो मुरलीधरन के बाद दूसरे स्थान पर है।

Retirement की घोषणा

प्रेस कॉन्फ्रेंस में Ravichandran Ashwin ने कहा, “आज के बाद मैं भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सभी प्रारूपों में नहीं खेलूंगा। यह मेरे करियर का आखिरी दिन है।” इस दौरान अश्विन ने अपने परिवार, कोच और साथी खिलाड़ियों का आभार व्यक्त किया। उनकी घोषणा टीम और प्रशंसकों के लिए आश्चर्यजनक रही, क्योंकि वह अभी भी टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते थे।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं

अश्विन के इस फैसले ने क्रिकेट जगत में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने अश्विन को “ऑल-टाइम ग्रेट्स” में से एक कहा। कमिंस ने कहा, “उन्होंने शानदार करियर जिया है। उनकी जैसी लंबी उम्र वाला ऑफ स्पिनर बहुत कम देखने को मिलता है। उनके खिलाफ खेलते हुए हमने हमेशा उनका सम्मान किया है।”

दूसरी ओर, भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने अश्विन के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, “उन्होंने टीम को सीरीज के बीच में एक खिलाड़ी कम कर दिया।” गावस्कर ने इसे टीम के लिए नुकसानदायक माना और कहा कि अश्विन को सीरीज खत्म होने के बाद संन्यास लेना चाहिए था।

 

महान खिलाड़ियों की तरह विदाई

Ravichandran Ashwin का अचानक संन्यास लेना भारतीय क्रिकेट के कुछ महान खिलाड़ियों की याद दिलाता है। एमएस धोनी ने 2014 में टेस्ट क्रिकेट से और अनिल कुंबले ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला के दौरान अचानक retirement की घोषणा की थी। अश्विन की तरह, धोनी और कुंबले ने भी अपने शर्तों पर खेल को अलविदा कहा।

Ravichandran Ashwin की योगदान और विरासत

Ravichandran Ashwin केवल एक गेंदबाज नहीं थे; वह एक सम्पूर्ण खिलाड़ी थे। गेंदबाजी में उनकी विविधता और बल्लेबाजी में योगदान ने उन्हें एक असाधारण ऑलराउंडर बनाया। अश्विन के नाम टेस्ट क्रिकेट में पांच शतक भी हैं। उन्होंने भारतीय टीम को कई कठिन परिस्थितियों से बाहर निकाला और खुद को मैच विजेता के रूप में स्थापित किया।

उनकी रणनीतिक सोच और खेल की गहरी समझ ने भारतीय टीम को कई मैचों में जीत दिलाई। अश्विन ने न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी अपनी स्पिन गेंदबाजी का लोहा मनवाया।

क्रिकेट जगत की यादें और भावनाएं

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अश्विन को उनकी यात्रा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, “हमने 2010 से एक लंबी यात्रा साथ तय की है।” विराट कोहली ने भी एक भावुक नोट साझा किया और अश्विन के योगदान को भारतीय क्रिकेट के लिए अमूल्य बताया।

निष्कर्ष

Ravichandran Ashwin का retirement भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके रिकॉर्ड, योगदान, और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें एक दिग्गज खिलाड़ी बना दिया। उनके द्वारा बनाए गए मानक आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा रहेंगे।Ravichandran Ashwin का retirement सिर्फ क्रिकेट का अंत नहीं, बल्कि एक युग का अंत है। उनके प्रशंसक और साथी खिलाड़ी उन्हें हमेशा याद करेंगे। भारतीय क्रिकेट उनके योगदान को सलाम करता है।Elon Musk: World के सबसे Rich व्यक्ति

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