Mahakumbh में 7 फुट लंबे ‘Muscular Baba’ बने आकर्षण का केंद्र
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में चल रहे Mahakumbh मेले में लाखों श्रद्धालु, पर्यटक और साधु-संत देश-विदेश से जुटे हैं। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर आयोजित इस भव्य आध्यात्मिक आयोजन में कई विशिष्ट संत मौजूद हैं। इनमें से एक नाम है आत्मा प्रेम गिरी महाराज, जिन्हें उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व और गजब की काया के कारण ‘मस्कुलर बाबा’ कहा जा रहा है।
सात फुट लंबे साधु के आकर्षण का कारण
आत्मा प्रेम गिरी महाराज का सात फुट लंबा कद, भगवा वस्त्र, और रुद्राक्ष की माला पहने हुए व्यक्तित्व हर किसी का ध्यान आकर्षित कर रहा है। उनकी मजबूत काया ने उन्हें हिंदू देवता भगवान परशुराम के आधुनिक अवतार के रूप में लोकप्रिय बना दिया है। भगवान परशुराम, जो भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, अपनी शक्ति और योद्धा गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं।
रूस से भारत तक का आध्यात्मिक सफर
मूल रूप से रूस से ताल्लुक रखने वाले आत्मा प्रेम गिरी महाराज ने 30 साल पहले सनातन धर्म को अपनाया। वे पहले एक शिक्षक थे, लेकिन अपनी पेशेवर जिंदगी को छोड़कर उन्होंने आध्यात्मिकता की राह चुनी। आज वे नेपाल में रहते हैं और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं।
जुना अखाड़ा के सदस्य, आत्मा प्रेम गिरी महाराज ने विदेश से भारत आकर सनातन धर्म के प्रचार में अपना जीवन समर्पित किया। उनका यह परिवर्तन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना है।
Mahakumbh मेले में उनकी उपस्थिति ने उन्हें और लोकप्रिय बना दिया है। उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर साझा की गई, जिसमें उनकी प्रभावशाली कद-काठी ने सभी का दिल जीत लिया। तस्वीर के कमेंट सेक्शन में श्रद्धालु “हर हर महादेव” के जयकारे लगाते नजर आए।
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Mahakumbh मेले के अन्य अनोखे संत
मस्कुलर बाबा के अलावा, इस साल के महा कुंभ मेले में कई अन्य विशिष्ट साधु-संत भी चर्चा में हैं:
- अभय सिंह (आईआईटी बाबा):
हरियाणा के रहने वाले अभय सिंह, जो पहले एक एयरोस्पेस इंजीनियर थे, ने अपनी वैज्ञानिक करियर छोड़कर आध्यात्मिक मार्ग को चुना। उन्हें “आईआईटी बाबा” के नाम से जाना जाता है और उनकी कहानी विज्ञान और आध्यात्मिकता का अनोखा संगम दिखाती है। - महंत राजपुरी जी महाराज (कबूतर वाले बाबा):
महंत राजपुरी जी महाराज पिछले एक दशक से अपने अनोखे साथी, एक कबूतर हरि पुरी के साथ नजर आते हैं। उनका यह साथी उनके सिर पर शांति से बैठा रहता है। महंत राजपुरी जी के अनुसार, यह कबूतर सभी जीवों के प्रति करुणा और सामंजस्य का प्रतीक है। Blinkit ने प्रयागराज के Mahakumbh मेले में खोला अस्थायी स्टोर, श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सेवा में जुटाIndia में निजी कारों के लिए Toll Pass System : यातायात जाम कम करने की पहलManu Bhaker और D Gukesh ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से Khel Ratna Award प्राप्त किया
महा कुंभ का विविधता में एकता का संदेश
Mahakumbh मेला विभिन्न आध्यात्मिक पथों को एक मंच प्रदान करता है, जहां सभी का उद्देश्य आत्मिक शांति और सार्वभौमिक सौहार्द है। चाहे मस्कुलर बाबा का प्रभावशाली व्यक्तित्व हो, आईआईटी बाबा की बौद्धिकता या कबूतर वाले बाबा की करुणा, ये सभी संत लोगों को अपने-अपने तरीके से प्रेरित कर रहे हैं।
45 दिनों तक चलने वाले इस महा कुंभ मेले में ये विशिष्ट संत न केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी समृद्ध कर रहे हैं।
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