हरियाणा के लाल और भारत के मुक्केबाज़ी स्टार Vijender Singh की कहानी।
हरियाणा के कलुवास गाँव में जन्मे विजेंदर ने भिवानी में अपने मुक्केबाज़ी के सपने की शुरुआत की।
अपने बड़े भाई से प्रेरित होकर विजेंदर ने गरीबी से निकलने और महानता पाने के लिए मुक्केबाज़ी शुरू की।
2006 साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर विजेंदर ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
विजेंदर ने ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज़ बनकर इतिहास रच दिया।
2015 में प्रोफेशनल बनने के बाद विजेंदर ने कई खिताब जीते और दुनिया को अपना दीवाना बना दिया।
विजेंदर अपनी सफलता का श्रेय हरियाणा के खेल प्रेम और भिवानी बॉक्सिंग क्लब को देते हैं।
विजेंदर सिंह का मानना है कि उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार का सबसे बड़ा योगदान है।
विजेंदर की यात्रा भारत के युवा मुक्केबाज़ों को बड़े सपने देखने की प्रेरणा देती है।