हमारी लाड़ली-Sakshi Malik

भारत की शान, हमारी लाड़ली - साक्षी मलिक के संघर्ष और सफलता को सलाम।

मोकरा, हरियाणा में जन्मी साक्षी की यात्रा एक बड़े सपने के साथ शुरू हुई।

एक चैंपियन की शुरुआत

शुरुआती ट्रेनिंग के दिन

12 साल की उम्र में साक्षी ने रोहतक के एक पहलवानी अकादमी में ट्रेनिंग शुरू की।

सीमाओं को तोड़ते हुए

साक्षी ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनानी शुरू की, हर मैच में बाधाओं को पार करते हुए।

2016 रियो ओलंपिक: एक ऐतिहासिक क्षण

रियो ओलंपिक ने साक्षी के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ लिया, जब उन्होंने कांस्य पदक जीता।

संघर्ष और सफलता

कठिन प्रतिस्पर्धा से लेकर चोटों तक, साक्षी के संघर्ष और परिश्रम ने उन्हें लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बना दिया।

साक्षी मलिक के जीवनसाथी: सत्यवर्त कादियान

साक्षी मलिक के पति, सत्यवर्त कादियान, एक कुश्ती खिलाड़ी हैं और साक्षी के करियर में हमेशा उनके साथ खड़े रहे। दोनों का साथ साक्षी की सफलता की कहानी का अहम हिस्सा है।

अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए, साक्षी मलिक को पद्मश्री और खेल रत्न जैसे कई पुरस्कार मिले।

पुरस्कार और सम्मान

साक्षी मलिक का दिल उम्मीद और आत्मविश्वास से भरा हुआ है, और वह देश के लिए और भी गौरव लेकर आना चाहती हैं। साथ ही, वह भारतीय रेलवे में खेल अधिकारी के रूप में काम कर रही हैं, जहां वे युवाओं को प्रेरित करने का कार्य कर रही हैं।

आगे का रास्ता

साहस और दृढ़ता की विरासत

साक्षी मलिक की विरासत हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर रहेगी।