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Stock Market Investors : क्या ट्रंप के टैरिफ नहीं, बल्कि ये कारण बना रहे हैं निवेशकों को चिंतित?

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Stock Market Investors : क्या ट्रंप के टैरिफ नहीं, बल्कि ये कारण बना रहे हैं निवेशकों को चिंतित?

भारतीय शेयर बाजार इन दिनों भारी दबाव में है, जहां प्रमुख सूचकांक (Sensex और Nifty) लगातार गिर रहे हैं। हाल के कारोबारी सत्रों में बाजार में करीब 12% की गिरावट दर्ज की गई है, जो अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से नीचे आ चुका है।

शुक्रवार के कारोबार में सेंसेक्स लगभग 700 अंक गिरा, जबकि निफ्टी ने 200 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की। यह गिरावट तब हो रही है जब सरकार कर राहत (tax relief) जैसे उपाय लागू कर रही है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की है।

जबकि कई विशेषज्ञ इस गिरावट के पीछे वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिका के टैरिफ युद्ध को कारण मान रहे हैं, असल वजह कुछ और ही है।

🔹 बाजार में गिरावट की असली वजह क्या है?

Religare Broking Ltd. के SVP (रिसर्च) अजीत मिश्रा के अनुसार, भारतीय बाजार में लगातार विदेशी निवेशकों (FIIs) द्वारा बिकवाली इस गिरावट का मुख्य कारण है।

“अमेरिका में बढ़ती 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड और मजबूत आर्थिक स्थिति की वजह से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से बाहर निकल रहे हैं। साथ ही, भारत में आर्थिक सुस्ती और कंपनियों के मुनाफे में कमी की आशंका ने भी FII बिकवाली को तेज कर दिया है।”

डेटा के अनुसार, 2025 में अब तक एफपीआई (Foreign Portfolio Investors) ने भारतीय शेयर बाजार से ₹97,104 करोड़ की निकासी की है, जो ₹1 लाख करोड़ के स्तर के करीब पहुंच रहा है।

🔹 विदेशी निवेशकों की बिकवाली कब रुकेगी?

विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक अमेरिकी डॉलर कमजोर नहीं होता और बॉन्ड यील्ड में गिरावट नहीं आती, तब तक विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है।

Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा,
“जब तक अमेरिकी डॉलर और बॉन्ड यील्ड में गिरावट नहीं आती, विदेशी निवेशक खरीदारी शुरू नहीं करेंगे। इस समय भारतीय बाजार के लिए सबसे बड़ी चुनौती FII की लगातार बिकवाली है, जो फिलहाल थमने के कोई संकेत नहीं दे रही है।”

🔹 वैश्विक स्तर पर क्या हो रहा है?

हालांकि, अमेरिकी फंडों की बिकवाली अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार थम गई है, लेकिन अन्य देशों से निकासी जारी है। Google ने लॉन्च किया नया AI मॉडल, देगा बेहतरीन सोचने और तर्क करने की क्षमता

🔹 आयरलैंड से $103 मिलियन की निकासी।
🔹 लक्ज़मबर्ग से $88 मिलियन की निकासी।
🔹 जापान से $46 मिलियन की निकासी।
🔹 यूके के फंड नवंबर 2024 से अब तक $435 मिलियन की निकासी कर चुके हैं।

Stock Market Investors भारत से निवेश हटाकर चीन की ओर बढ़ रहे फंड मैनेजर्स

पिछले दो हफ्तों में चीन में विदेशी निवेश तेजी से बढ़ा है, और इस हफ्ते वहां $573 मिलियन का निवेश हुआ, जो अक्टूबर 2024 के बाद सबसे ज्यादा है। Elara Securities के अनुसार, वैश्विक फंड मैनेजर्स अब धीरे-धीरे भारत से निवेश हटाकर चीन की ओर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं

🔹 एफआईआई की बिकवाली कब रुकेगी?

विशेषज्ञों के मुताबिक, FII होल्डिंग 2024 में घटकर 16% रह गई, जो 2014-2020 के दौरान 20% के शिखर पर थी। हालांकि, अभी भी विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी बनी हुई है। 7 प्रभावी तरीके Water Weight को कम करने के लिए

अजीत मिश्रा ने कहा,
“2025 के पहले 30 दिनों में ही भारतीय शेयर बाजार से करीब $10 बिलियन की निकासी हो चुकी है। इस बिकवाली की सटीक समाप्ति की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, क्योंकि यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि डॉलर इंडेक्स और 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड।”

Stock Market Investors :  बाजार में सुधार कब संभव है?

अगर भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार दिखने लगे और कॉरपोरेट सेक्टर की कमाई में बढ़ोतरी हो, तो विदेशी निवेशक फिर से भारतीय बाजार की ओर आकर्षित हो सकते हैं।

Stock Market Investors :  निष्कर्ष

🔸 वैश्विक आर्थिक कारक, जैसे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और मजबूत डॉलर, भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली की मुख्य वजह हैं।
🔸 भारतीय बाजार में सुधार तभी संभव होगा जब एफआईआई की बिकवाली रुकेगी और कॉर्पोरेट आय में मजबूती आएगी
🔸 चीन में विदेशी निवेश बढ़ रहा है, जिससे भारत में एफआईआई निवेश घटने का असर बाजार पर दिख रहा है

वर्तमान में, निवेशकों को बाजार की अस्थिरता के प्रति सतर्क रहने और लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने की सलाह दी जाती है।

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