SM Krishna, Former Karnataka CM and Maharashtra Governor, का 92 वर्ष की उम्र में निधन

SM Krishna

SM Krishna: भारतीय राजनीति का एक महान अध्याय समाप्त

भारत के प्रख्यात नेता और पूर्व मुख्यमंत्री SM Krishna का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका जीवन और करियर भारतीय राजनीति के लिए एक प्रेरणा स्रोत रहा है। SM Krishna, former Karnataka CM and Maharashtra governor, ने राजनीति में अमूल्य योगदान दिया।


एसएम कृष्णा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

एसएम कृष्णा का जन्म 1 मई 1932 को कर्नाटक के एक छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा बेंगलुरु और बाद में अमेरिका की फेमस George Washington University में पूरी की। उनकी शिक्षा और सोच ने भारतीय राजनीति में उन्हें एक मजबूत नेता बनाया।


मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल

 

SM Krishna, former Karnataka CM and Maharashtra governor, के रूप में उनका कार्यकाल कई उपलब्धियों से भरा रहा।

  1. कर्नाटक में तकनीकी क्रांति:
    एसएम कृष्णा ने मुख्यमंत्री रहते हुए बेंगलुरु को आईटी हब में बदलने की नींव रखी।
  2. महाराष्ट्र के राज्यपाल:
    उन्होंने राज्यपाल के रूप में संवैधानिक जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।

एसएम कृष्णा का राजनीतिक योगदान

SM Krishna, former Karnataka CM and Maharashtra governor, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक रहे। बाद में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होकर अपनी राजनीतिक यात्रा को आगे बढ़ाया।


निधन और देशभर में शोक

उनके निधन से पूरा देश शोकाकुल है। कर्नाटक और महाराष्ट्र में नेताओं और जनता ने SM Krishna, former Karnataka CM and Maharashtra governor, के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।


एसएम कृष्णा की विरासत

उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित किया कि राजनीति में ईमानदारी और दूरदृष्टि से क्या हासिल किया जा सकता है। SM Krishna, former Karnataka CM and Maharashtra governor, का योगदान हमेशा याद किया जाएगा।


एसएम कृष्णा पीछे अपनी पत्नी, प्रेमा कृष्णा और तीन बच्चे—निखिल और राजीव कृष्णा, तथा लीलावती कृष्णा को छोड़ गए हैं। उनका परिवार उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है, और उनके योगदान को याद करते हुए, यह परिवार उनकी विरासत को संजोने का संकल्प लेकर आगे बढ़ेगा। उनके बिना भी, परिवार उनकी स्मृति को ताजा रखने और उनके द्वारा स्थापित मार्गदर्शक मूल्यों को जीवित रखने में योगदान देगा।

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