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‘One Nation One Election’ रिपोर्ट पर ₹95,000 से अधिक खर्च: RTI में खुलासा

‘One Nation One Election’ रिपोर्ट पर ₹95,000 से अधिक खर्च: RTI में खुलासा|

सरकार ने ‘One Nation One Election’ रिपोर्ट तैयार करने में ₹95,344 खर्च किए। यह रिपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति द्वारा तैयार की गई थी। इंडिया टुडे द्वारा दाखिल एक आरटीआई के जवाब में कानून और न्याय मंत्रालय ने इस जानकारी का खुलासा किया।

One Nation One Election : 194 दिन और ₹95,344 का खर्च

One Nation One Election यह समिति 2 सितंबर 2023 को गठित की गई थी और 194 दिनों तक काम करने के बाद 14 मार्च 2024 को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में भारत में एक साथ चुनाव कराने की व्यवहारिकता पर विचार किया गया। खर्च प्रति दिन लगभग ₹491 है, यह मानते हुए कि समिति ने लगातार काम किया। हालांकि, अगर अवकाश को शामिल किया जाए तो यह प्रति दिन लागत अधिक हो सकती है।

आरटीआई में रिपोर्ट को तैयार करने पर हुए खर्च, जैसे शोध, यात्रा, परामर्श और छपाई से संबंधित विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। सरकार ने खर्च को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित किया:

साथ ही यह भी बताया गया कि समिति के सदस्यों को कोई भुगतान नहीं किया गया, क्योंकि उन्होंने अपनी सेवाएं मानद आधार पर दीं। “व्हिस्की के साथ बात करते हैं”: Colombian President ने ट्रंप को दिया करारा जवाबISRO GSLV-F15 के साथ NVS-02 करेगा लॉन्च: NavIC System को मिलेगा बड़ा बढ़ावा

One Nation One Election : समिति के सदस्य कौन थे?

इस उच्च स्तरीय समिति के सदस्य थे:

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One Nation One Election : विधायी प्रगति

17 दिसंबर 2024 को, संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पेश किए गए। कुल 269 सांसदों ने इन विधेयकों का समर्थन किया, जबकि 198 ने विरोध किया। सरकार ने इन विधेयकों को आगे समीक्षा और परामर्श के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की सिफारिश की है।

‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पहल अभी भी तीव्र बहस का विषय बनी हुई है, जहां इसकी व्यवहारिकता और भारत के चुनावी ढांचे पर इसके प्रभाव पर चर्चा हो रही है।

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