British लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस पर Ukraine का हमला
हाल ही में, यूक्रेन द्वारा रूस पर स्टॉर्म शैडो और ATACMS मिसाइलों के हमले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या Nato रूस को World War 3 के लिए उकसा रहा है।
यूक्रेन ने ब्रिटेन निर्मित स्टॉर्म शैडो क्रूज़ मिसाइलों का इस्तेमाल कर रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर हमला किया। यह कदम अमेरिकी लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग के ठीक एक दिन बाद उठाया गया है। पेंटागन और यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय पश्चिमी देशों की युद्ध रणनीति में बदलाव को दर्शाता है।

रणनीति में बड़ा बदलाव
इस नई स्थिति से पहले, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को अपने दीर्घ-मार्गीय हथियारों का उपयोग केवल यूक्रेनी क्षेत्रों तक सीमित रखने का निर्देश दिया था। हालांकि, हाल ही में ब्रिटेन और अमेरिका ने अपनी नीतियों में ढील दी है। ब्रिटेन ने स्टॉर्म शैडो मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दी, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहली बार यूक्रेन को अपनी एटीएसीएमएस (आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम) का उपयोग रूस में करने की मंजूरी दी।
स्टॉर्म शैडो मिसाइलें 150 मील से अधिक की दूरी तक मार करने में सक्षम हैं, जिससे यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में गहराई तक लक्षित करने की शक्ति मिलती है। मास्को ने इसे एक बड़ा उकसावा बताया है। राष्ट्रपति बाइडेन का यह निर्णय रूस द्वारा उत्तर कोरियाई सैनिकों को संघर्ष में शामिल करने के बाद लिया गया।
ब्रिटेन का समर्थन और सैन्य रणनीति
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने राष्ट्रपति बाइडेन के फैसले का अनुसरण करते हुए यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति दी। इससे पहले, इन मिसाइलों का उपयोग केवल यूक्रेनी क्षेत्रों में रूसी बलों पर ही सीमित था। ब्रिटेन के रक्षा सचिव जॉन हीली ने संसद में कहा, “यूक्रेन के हालिया युद्धक्षेत्र में प्रदर्शन ने यह साबित किया है कि हम उनके समर्थन में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और इसे और मजबूत करेंगे।”
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब यूक्रेन लगभग तीन साल से जारी युद्ध में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन की स्थिति को मजबूत कर सकता है, जिसे उसने अगस्त में रूस को चौंकाते हुए अपने नियंत्रण में ले लिया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी देशों की यह रणनीति सीधे तौर पर यह संकेत देती है कि Nato रूस को World War 3 के लिए उकसा रहा है। इन कदमों से यूक्रेन को ताकत मिल रही है, लेकिन इसका प्रभाव वैश्विक शांति पर पड़ सकता है।
इस विवाद को और बढ़ाते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल ही में यूक्रेन को रूस के भीतर हमले करने के लिए अमेरिकी हथियारों के उपयोग की अनुमति दी है। यह फैसला रूस के खिलाफ अमेरिका की आक्रामक रणनीति को दर्शाता है। इस कदम से पश्चिमी देशों और नाटो पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह विश्व युद्ध 3 की ओर ले जाने वाला कदम है।
अब यह देखना होगा कि रूस इस परिस्थिति का कैसे जवाब देता है और क्या यह स्थिति वाकई यह साबित करती है कि Nato रूस को World War 3 के लिए उकसा रहा है ।
क्या अमेरिका और नाटो की रणनीति दुनिया को धकेल रही है तीसरे विश्व युद्ध की ओर?
रूस ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। रूसी उच्च सदन की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के पहले उपाध्यक्ष व्लादिमीर झाबारोव ने कहा है कि वॉशिंगटन का यह निर्णय, जो यूक्रेन को रूस के अंदर गहराई तक हमले करने की अनुमति देता है, ‘विश्व युद्ध तीन’ का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, फेडरेशन काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य आंद्रेई क्लिशास ने टेलीग्राम पर लिखा, ‘पश्चिम ने इस तरह के स्तर की उकसाने वाली कार्रवाई का निर्णय लिया है, जो सुबह तक यूक्रेन की संप्रभुता को पूरी तरह से बर्बाद कर सकती है।’
रूस के इन बयानों से साफ है कि यह स्थिति केवल युद्ध के दायरे को बढ़ाने का खतरा नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है।
अमेरिका का एटीएसीएमएस और अन्य समर्थन
युद्ध के पहले चरण में, बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम (HIMARS) का उपयोग सीमित सीमा (50 मील) तक करने की अनुमति दी थी। हालांकि, एटीएसीएमएस जैसी लंबी दूरी की मिसाइलों (190 मील तक) के उपयोग पर प्रतिबंध था। रूस द्वारा खारकीव पर बढ़ते हमलों के बाद, इन प्रतिबंधों में ढील दी गई।
इसके अलावा, अमेरिका ने यूक्रेन को अपनी रक्षा पंक्तियों को मजबूत करने के लिए एंटी-पर्सनल माइंस उपलब्ध कराने को भी मंजूरी दी है।क्या है Gautam Adani पर लगे आरोपों का सच?
रूस की चेतावनी: यूक्रेन पर हमले की अनुमति से बढ़ सकता है विश्व युद्ध 3 का खतरा
रूस ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। रूसी उच्च सदन की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के पहले उपाध्यक्ष व्लादिमीर झाबारोव ने कहा है कि वॉशिंगटन का यह निर्णय, जो यूक्रेन को रूस के अंदर गहराई तक हमले करने की अनुमति देता है, ‘विश्व युद्ध तीन’ का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, फेडरेशन काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य आंद्रेई क्लिशास ने टेलीग्राम पर लिखा, ‘पश्चिम ने इस तरह के स्तर की उकसाने वाली कार्रवाई का निर्णय लिया है, जो सुबह तक यूक्रेन की संप्रभुता को पूरी तरह से बर्बाद कर सकती है।’
रूस के इन बयानों से साफ है कि यह स्थिति केवल युद्ध के दायरे को बढ़ाने का खतरा नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संकट बन सकती है।
व्यापक परिणाम
हालांकि यह नया कदम युद्ध के परिणाम को तुरंत नहीं बदल सकता, लेकिन यह यूक्रेन को सामरिक लाभ प्रदान कर सकता है। कुर्स्क जैसे क्षेत्रों पर नियंत्रण बनाए रखने से यूक्रेन को भविष्य की शांति वार्ताओं में मजबूत स्थिति में रखा जा सकता है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की लंबे समय से पश्चिमी देशों से लंबी दूरी की मिसाइलों की अनुमति मांग रहे थे। Nato देशों फ्रांस और ब्रिटेन ने पहले सीमित संख्या में स्टॉर्म शैडो और एससीएएलपी मिसाइलें प्रदान की थीं लेकिन उनका उपयोग रूसी क्षेत्र पर करने से परहेज किया गया। अब, अमेरिकी समर्थन के साथ, पश्चिमी सहयोगी इस मुद्दे पर एकजुट नजर आ रहे हैं।500 रुपये से कम कीमत के गैजेट
निष्कर्ष
ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो और अमेरिकी एटीएसीएमएस का उपयोग युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। लंबी दूरी की इन क्षमताओं के उपयोग से युद्ध क्षेत्र और कूटनीतिक वार्ताओं में संतुलन बदल सकता है। आने वाले महीने यह तय करेंगे कि यह रणनीति यूक्रेन को वह सामरिक लाभ दिला पाती है जिसकी उसे आवश्यकता है।
अब यह देखना होगा कि रूस इस परिस्थिति का कैसे जवाब देता है और क्या यह स्थिति वाकई यह साबित करती है कि Nato रूस को विश्व युद्ध 3 के लिए उकसा रहा है।