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अक्टूबर में बाजार में correction के बीच Mutual Funds ने किया बड़ा निवेश, टॉप Nifty50 Stocks पर ध्यान केंद्रित किया

Mutual Funds Buying in October

Mutual Funds Buying

अक्टूबर में बाजार में correction के बीच Mutual Funds ने बड़े पैमाने पर खरीदी, Nifty के प्रमुख स्टॉक्स पर नजर

Mutual Funds
mutual funds buying in falling markets

अक्टूबर में भारतीय बाजारों में कमज़ोर आय, विदेशी निवेशकों के निरंतर निकासी और मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच म्यूचुअल फंड्स (MFs) ने आक्रमक तरीके से निवेश किया। उन्होंने Nifty के शीर्ष 15 स्टॉक्स पर निवेश किया, जिनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, HDFC बैंक, ICICI बैंक, और SBI प्रमुख थे। म्यूचुअल फंड्स ने अक्टूबर में 92,000 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध खरीदारी की।

बाजार की गिरावट और Mutal Funds की खरीदारी

अक्टूबर में प्रमुख सूचकांकों जैसे सेंसक्स और Nifty में 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, वहीं BSE मिड-कैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों में क्रमशः 6 प्रतिशत और 3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस बाजार सुधार के दौरान म्यूचुअल फंड्स ने कुछ प्रमुख शेयरों में बड़ा निवेश किया, जिनमें महिंद्रा एंड महिंद्रा, HDFC बैंक, एक्सिस बैंक, ICICI बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) शामिल हैं। इस खरीदारी से यह साफ दिखता है कि MFs ने उन कंपनियों को चुना है जिनका व्यापार मॉडल मजबूत है और जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण से निवेश के लिए उपयुक्त हैं।

महत्वपूर्ण निवेश और प्रदर्शन

कुल मिलाकर MFs ने महिंद्रा एंड महिंद्रा में 6,840 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि HDFC बैंक में 5,756 करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ। इसके अलावा, एक्सिस बैंक और ICICI बैंक में क्रमशः 4,115 करोड़ रुपये और 3,897 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 3,104 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। अक्टूबर में HDFC बैंक ने मामूली 0.2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की, जबकि एक्सिस बैंक में 6 प्रतिशत की गिरावट आई। ICICI बैंक 2 प्रतिशत चढ़ा, और SBI में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

Mutual Funds का लंबी अवधि के लिए निवेश दृष्टिकोण

WealthMills Securities के इक्विटी रणनीति के निदेशक क्रांति बातिनी ने बताया कि म्यूचुअल फंड्स बड़ी कंपनियों में निवेश कर रहे हैं क्योंकि इन कंपनियों का व्यापार मॉडल मजबूत है, उनके पास स्थिर राजस्व और उच्च तरलता है। इसके अलावा, भले ही इन कंपनियों का लाभ कम हो सकता है, फिर भी उनके दीर्घकालिक लाभ और नकदी प्रवाह को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण है, जिससे ये स्टॉक्स लंबे समय तक निवेश के लिए आकर्षक बनते हैं।

अन्य प्रमुख कंपनियों में निवेश

बाजाज ऑटो, लार्सन एंड टूब्रो, इंडसइंड बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी और भारती एयरटेल जैसी कंपनियों में भी MFs ने बड़े पैमाने पर निवेश किया। उदाहरण के लिए, Bajaj Auto में 2,924 करोड़ रुपये का निवेश किया गया, जबकि लार्सन एंड टूब्रो में 2,517 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अन्य कंपनियों में भी इन्वेस्टमेंट ने दर्शाया कि MFs अभी भी अच्छे दीर्घकालिक स्टॉक्स में निवेश के लिए तैयार हैं, भले ही इन कंपनियों के शेयरों की कीमतों में कमी आई हो।

अक्टूबर में इंडसइंड बैंक में 27 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि लार्सन एंड टूब्रो में 1.5 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। TCS, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति सुजुकी और भारती एयरटेल में भी क्रमशः 7 प्रतिशत, 14 प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बावजूद Mutal Funds ने इन कंपनियों में बड़े निवेश को प्राथमिकता दी, क्योंकि उन्हें दीर्घकालिक विकास की उम्मीद थी।

सरकार का खर्च और ग्रामीण मांग में वृद्धिAmazon FBA: से करोड़पति कैसे बने

DRChoksey FinServ के प्रबंध निदेशक देवेन् चोकसी का मानना ​​है कि अक्टूबर की बाजार सुधार ने गुणवत्ता वाले स्टॉक्स को आकर्षक रूप से मूल्यवान बना दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही Q2 के परिणाम कमजोर रहे हों, लेकिन सरकार द्वारा महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के बाद खर्च बढ़ाने की संभावना है, जिससे Q3 और Q4 में आय में वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही, त्योहारों का मौसम भी उम्मीदों को मजबूत करता है।

नए आईपीओ में निवेश

इसके अलावा, Mutual Funds ने अक्टूबर में लॉन्च हुए कुछ आईपीओ में भी निवेश किया। हालांकि, इन आईपीओ में MFs का निवेश समग्र आईपीओ इश्यू के मुकाबले कम था। MFs ने कुल मिलाकर 9,600 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसमें हुंडई, वारी एनर्जी और अफकोन्स इंफ्रास्ट्रक्चर्स के आईपीओ में प्रमुख निवेश था।

भविष्य की संभावनाएं
आने वाले समय में, MFs का ध्यान अमेरिकी नीति प्रस्तावों और उनके उभरते बाजारों पर प्रभाव को लेकर रहेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी मुद्रास्फीति में वृद्धि हो सकती है, जो भविष्य में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, भारतीय बाजार में, सरकार के खर्चों में वृद्धि और ग्रामीण मांग के पुनरुद्धार के कारण उम्मीदें हैं कि दूसरी छमाही में सुधार हो सकता है।

कुल मिलाकर, अक्टूबर का महीना म्यूचुअल फंड्स के लिए बड़े निवेश अवसरों का माहौल रहा, और विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह लंबे समय में अच्छे परिणाम दे सकता है।₹10000-से-कम-के-फोन Samsung Smartphones – अब बेहतरीन फीचर्स भी बजट में!

विस्तृत रिपोर्ट के लिए Moneycontrol से जानकारी ली गई है।

Note:यह निवेश सलाह नहीं है। कृपया निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार से परामर्श करें।

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