51वें Chief Justice के रूप में शपथ लेने के बाद, Justice Sanjiv Khanna का पहला दिन: न्यायिक सुधारों की दिशा में एक कदम
Shri Justice Sanjiv Khanna sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court of India at Rashtrapati Bhavan today pic.twitter.com/GltVkFYIAT
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 11, 2024
Justice Sanjiv Khanna ने सोमवार को भारत के 51वें Chief Justice (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की, जिसके बाद उन्होंने न्यायिक कार्यवाही की शुरुआत की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में शपथ लेने के बाद, Chief Justice खन्ना ने सर्वोच्च न्यायालय के कोर्टरूम नंबर एक में न्यायमूर्ति संजय कुमार के साथ कार्यवाही में हिस्सा लिया। कोर्ट में उपस्थित वकीलों ने उन्हें शुभकामनाएँ दीं, जिसके प्रति आभार व्यक्त करते हुए खन्ना ने सभी का धन्यवाद किया।
Justice Sanjiv Khanna का योगदान और न्यायिक सफर
Justice Sanjiv Khanna का कार्यकाल छह महीने का होगा और वह मई 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। उनके पास संवैधानिक कानून, कॉर्पोरेट कानून, टैक्सेशन, और पर्यावरण संबंधी मामलों का व्यापक अनुभव है। उनकी पिछली कुछ ऐतिहासिक फैसलों ने न्यायिक स्वतंत्रता, पारदर्शिता, और नागरिक अधिकारों पर गहरा प्रभाव डाला है।
आइए उनके कुछ प्रमुख निर्णयों पर नज़र डालें जो उन्होंने लिए या जिनमें वह शामिल थे:
1. Abrogation of Article 370
अगस्त 2023 में अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में, खन्ना उस बेंच का हिस्सा थे जिसने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाए जाने के कदम का समर्थन किया। उन्होंने अपने निर्णय में कहा कि इस कदम से भारत की संघीय संरचना को नुकसान नहीं हुआ, बल्कि यह राष्ट्रीय हितों के अनुरूप है।
2. Judicial independence and transparency (RTI Act)
2019 में, न्यायमूर्ति खन्ना ने एक ऐतिहासिक निर्णय में CJI के कार्यालय को सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के दायरे में लाने का आदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यायिक स्वतंत्रता और पारदर्शिता के बीच एक संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। इस मामले में, उन्होंने CPIO को निर्देश दिया कि RTI अनुरोधों पर निर्णय लेते समय, सार्वजनिक हित और गोपनीयता के मुद्दों को ध्यान में रखा जाए।
3. Granting Bail to Arvind Kejriwal
जुलाई 2024 में, खन्ना ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत दर्ज मामलों में जमानत दी। इस फैसले में खन्ना ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए स्पष्ट आधार का होना आवश्यक है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा पर भी जोर दिया। यह मामला उस समय काफी चर्चा में रहा, क्योंकि उन्होंने गिरफ्तारी को अस्थायी रूप से रोक दिया था।
4. Electoral Bonds Case
फरवरी 2024 में Electoral Bonds case में, खन्ना उस पांच-सदस्यीय बेंच का हिस्सा थे जिसने इस विवादास्पद योजना को असंवैधानिक घोषित किया। इस योजना के तहत दाताओं की पहचान को गुप्त रखने का मुद्दा उठा था। खन्ना ने अपने फैसले में कहा कि बैंक अधिकारी पहले से ही दाताओं की पहचान से अवगत होते हैं, इसलिए पारदर्शिता की रक्षा होनी चाहिए।
5. EVM-VVPAT Cross Verification Case
न्यायमूर्ति खन्ना ने EVM (Electronic Voting Machine) की सुरक्षा का समर्थन करते हुए इसे चुनावी प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अप्रैल 2024 में, जब लोकसभा चुनावों में EVM के प्रयोग के खिलाफ याचिकाएँ दायर की गई थीं, खन्ना ने पेपर बैलट में लौटने की सिफारिश को अस्वीकार करते हुए, मतदाताओं के लिए EVM-VVPAT slips पर बारकोड या पार्टी का चिन्ह छापने का आदेश दिया, ताकि मतगणना में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
न्यायमूर्ति Justice Sanjiv Khanna का न्यायिक दृष्टिकोण
न्यायमूर्ति खन्ना का दृष्टिकोण हमेशा नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा और सार्वजनिक हित में रहा है। उनके विभिन्न फैसलों में संविधान की रक्षा, मानव अधिकारों का सम्मान और न्यायपालिका की पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। इस दृष्टिकोण के साथ, उन्हें न्यायपालिका में सुधार और विश्वास को मजबूत करने का एक सशक्त माध्यम माना जा रहा है।
उनका योगदान न्यायपालिका में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, विशेषकर ऐसे समय में जब न्यायपालिका से पारदर्शिता और स्वतंत्रता की अपेक्षा बढ़ रही है। उनके संक्षिप्त कार्यकाल के बावजूद, न्यायिक स्वतंत्रता और पारदर्शिता के क्षेत्र में उनके प्रयास न्यायपालिका में एक सकारात्मक दिशा प्रदान कर सकते हैं।National Education Day 2024:शिक्षा के महत्व को समर्पित एक दिन!