Jewar Airport पर पहली उड़ान की ऐतिहासिक लैंडिंग, अप्रैल 2025 से उड़ान सेवाओं की तैयारी

Jewar Airport

Jewar Airport पर पहली उड़ान की ऐतिहासिक लैंडिंग, अप्रैल 2025 से उड़ान सेवाओं की तैयारी

गौतमबुद्धनगर स्थित जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) ने एक ऐतिहासिक दिन का गवाह बना जब इंडिगो की पहली फ्लाइट ने सफलतापूर्वक रनवे पर लैंडिंग की। इस मौके पर विमान का स्वागत परंपरागत तरीके से वाटर कैनन सलामी देकर किया गया। यह घटना भारत के एविएशन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है।

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एयरपोर्ट ट्रायल का शुभारंभ

Jewar Airport पर विमानों की लैंडिंग और ट्रायल प्रक्रिया को 15 दिसंबर 2024 तक जारी रखा जाएगा। इन ट्रायल्स का उद्देश्य एयरपोर्ट की संरचना, व्यवस्थाओं और सेवाओं की क्षमता का आंकलन करना है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) के अनुसार, सभी परीक्षण सफल रहने पर एयरपोर्ट पर व्यावसायिक उड़ान सेवाओं की शुरुआत अप्रैल 2025 से हो सकती है।

एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट

Jewar Airport एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में उभर रहा है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) ने संभाली है। यह एयरपोर्ट उत्तरी भारत के राज्यों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, और बिहार के यात्रियों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनेगा।

IGI एयरपोर्ट की भीड़भाड़ होगी कम

Jewar Airport का परिचालन शुरू होने से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर यात्री भार में कमी आने की संभावना है। इसके अलावा, यह क्षेत्रीय यात्रा को भी सहज बनाएगा, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी।

व्यापार और उद्योग को मिलेगा प्रोत्साहन

Jewar Airport के शुरू होने से न केवल हवाई यात्रा के अनुभव में सुधार होगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। उद्योग जगत को तेजी से विकसित करने में यह एयरपोर्ट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Jewar Airport की पहली सफल लैंडिंग ने यह साबित कर दिया है कि भारत के विमानन क्षेत्र में न केवल विस्तार हो रहा है, बल्कि यह वैश्विक मानकों को भी पार कर रहा है। अप्रैल 2025 से यहां की उड़ानों की शुरुआत, न केवल उत्तर भारत बल्कि पूरे देश के लिए एक नई दिशा तय करेगी।

Jewar Airport: निवेश और रोजगार के नए आयाम

नोएडा के जेवर में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) भारत सरकार और यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) के बीच एक महत्वपूर्ण साझेदारी का परिणाम है। यह परियोजना भारत के विमानन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास और रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।CIBIL में पारदर्शिता और सुधार की आवश्यकता: कार्ति चिदंबरम की चिंताओं पर चर्चा

 

भारत सरकार का विशाल निवेश

भारत सरकार ने Jewar Airport के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस परियोजना के लिए कुल 29,560 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है, जिसमें भूमि अधिग्रहण, निर्माण और आधारभूत संरचना शामिल है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों ने परियोजना के लिए वित्तीय सहायता और नीतिगत समर्थन प्रदान किया है।

इस एयरपोर्ट का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है, जिसमें शुरुआत में चार रनवे बनाए जाएंगे। भविष्य में इस संख्या को छह तक बढ़ाने की योजना है, जो इसे एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाएगा।Central University of Haryana में विभिन्न पदों के लिए Job Notification

रोजगार के अवसर

जेवर एयरपोर्ट परियोजना के कारण स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे। निर्माण और विकास चरण के दौरान, परियोजना ने विभिन्न क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग, डिजाइनिंग, और निर्माण में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया है।

प्रमुख रोजगार क्षेत्र:

  1. निर्माण क्षेत्र: एयरपोर्ट निर्माण में मजदूरों, इंजीनियरों, और प्रोजेक्ट मैनेजर की बड़े पैमाने पर आवश्यकता है।
  2. एविएशन सेक्टर: एयरपोर्ट के चालू होने के बाद विमान सेवाओं, ग्राउंड स्टाफ, कस्टमर सपोर्ट, और सुरक्षा कर्मियों के लिए बड़े पैमाने पर नौकरियां उपलब्ध होंगी।
  3. होटल और पर्यटन उद्योग: जेवर एयरपोर्ट उत्तर भारत का एक प्रमुख हब बनने जा रहा है, जिससे होटल और पर्यटन क्षेत्र में रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे।
  4. लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन: एयरपोर्ट के माध्यम से कार्गो और लॉजिस्टिक्स सेवाएं बढ़ने से इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

स्थानीय विकास और कौशल वृद्धि

यह परियोजना स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ कौशल विकास का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है। सरकार ने एयरपोर्ट निर्माण से जुड़े स्थानीय लोगों के पुनर्वास और प्रशिक्षण के लिए कई पहल की हैं। एयरपोर्ट संचालन शुरू होने के बाद, आसपास के क्षेत्रों में छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को भी बढ़ावा मिलेगा।

आर्थिक विकास को गति

जेवर एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई देगा। परियोजना से न केवल रोजगार बल्कि व्यावसायिक गतिविधियों और निवेश के नए अवसर भी खुलेंगे। एयरपोर्ट के आसपास एयरोसिटी और लॉजिस्टिक हब विकसित करने की योजना है, जो क्षेत्र को औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र बनाएगा।

समापन

जेवर एयरपोर्ट पर भारत सरकार और निजी साझेदारों का निवेश, न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक विकास और रोजगार के अवसरों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह एयरपोर्ट, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ-साथ, स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर समृद्धि और विकास का प्रतीक बनेगा।

क्रेडिट:
चित्र और वीडियो सौजन्य: एएनआई (ANI)

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