Jayaram Reddy alias Chalapati: दशकों तक पुलिस से बचते रहे, सेल्फी बनी अंत की वजह

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Jayaram Reddy alias Chalapati: दशकों तक पुलिस से बचते रहे, सेल्फी बनी अंत की वजह|

शीर्षक: सेल्फी ने खत्म की दशकों तक पुलिस से बचते रहे टॉप माओवादी नेता की कहानी
Jayaram Reddy alias Chalapati Killed in Joint Operation

वरिष्ठ माओवादी Jayaram Reddy alias Chalapati, जिन्हें चलपति के नाम से भी जाना जाता है, दशकों तक सुरक्षा बलों से बचते रहे। लेकिन उनकी एक सेल्फी, जो उन्होंने अपनी पत्नी अरुणा के साथ ली थी, उनके लिए घातक साबित हुई। इस हफ्ते छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों के संयुक्त ऑपरेशन में चलपति समेत 20 माओवादी मारे गए।

₹1 करोड़ का इनामी और कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड : Jayaram Reddy alias Chalapati

चलपति पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था। वह 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में हुए हमले के मास्टरमाइंड थे, जिसमें 13 सुरक्षाकर्मियों की जान गई थी। इस हमले के दौरान, उन्होंने पुलिस शस्त्रागार से हथियार लूटने के बाद माओवादियों को सुरक्षित बाहर निकलने में मदद की।

नयागढ़ हमले की रणनीति

चलपति ने हमले के दौरान नयागढ़ के रास्ते में बड़े पेड़ गिराकर सुरक्षा बलों के रास्ते को अवरुद्ध कर दिया था। इससे पुलिस को समय पर पहुंचने से रोका जा सका और माओवादी अपने मिशन को अंजाम देने में सफल रहे।

सेल्फी से मिली पहचान

वर्षों तक गुप्त रूप से काम करने के बाद, चलपति की पहचान उनकी पत्नी अरुणा (उर्फ चैतन्य वेंकट रवि) के साथ ली गई एक सेल्फी के माध्यम से हुई। अरुणा आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) की ‘डिप्टी कमांडर’ थीं। Kota में 24 वर्षीय NEET aspirant suicide, तीन हफ्तों में पांचवां मामलाRam Mandir Anniversary: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक वर्ष का जश्न मनाता अयोध्या

यह तस्वीर मई 2016 में आंध्र प्रदेश में एक मुठभेड़ के बाद मिले एक छोड़े हुए स्मार्टफोन से प्राप्त हुई थी। इसके बाद चलपति पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित किया गया, जिससे उन्हें अपने साथ 8-10 गार्ड्स की सुरक्षा में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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गुरिल्ला रणनीति के विशेषज्ञ

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के निवासी चलपति माओवादी संगठन की केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य थे। यह समिति माओवादियों की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई है।

वह मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सक्रिय थे लेकिन हाल की मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या के कारण उन्होंने अपना ठिकाना ओडिशा सीमा पर स्थानांतरित कर लिया। चलपति को गुरिल्ला युद्ध और सैन्य रणनीति का विशेषज्ञ माना जाता था।

Jayaram Reddy alias Chalapati: माओवाद पर बड़ी चोट 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस ऑपरेशन को माओवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह नक्सलवाद पर एक और बड़ी चोट है।”

उन्होंने CRPF, ओडिशा स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) और छत्तीसगढ़ पुलिस की सराहना की और कहा कि उनकी संयुक्त कार्रवाई से 14 माओवादी मारे गए। शाह ने कहा, “हमारी माओवाद-मुक्त भारत की प्रतिबद्धता के साथ, नक्सलवाद अब अपने अंतिम दौर में है।”

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Jayaram Reddy alias Chalapati : माओवादी प्रभाव में गिरावट

इस साल छत्तीसगढ़ में अब तक अलग-अलग मुठभेड़ों में 40 से अधिक माओवादी मारे जा चुके हैं।

चलपति की मौत माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने और प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के सरकार के अभियान में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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