Nifty 50 में गिरावट का दौर, 27 सितंबर के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर से 10% गिरा, FII बिक्री और मूल्यांकन चिंताओं से बाजार दबे
13 नवंबर 2024 को Indian Stock Market में भारी गिरावट देखने को मिली, जब निफ्टी 50 इंडेक्स correction की स्थिति में आ गया। निफ्टी 50, जो सितंबर 27, 2024 को 26,277.35 अंक के अपने सभी समय के उच्चतम स्तर पर था, आज उस स्तर से 10% से अधिक गिरकर 23,559.05 अंक पर बंद हुआ। यह गिरावट 374 अंकों की intraday गिरावट के रूप में आई, जब यह दिन के सबसे निचले स्तर 23,509.6 अंक तक पहुंचा था।
Sensex और Nifty में भारी गिरावट
आज के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स भी भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। सेंसेक्स दिन के निचले स्तर 77,533.3 अंक पर गिरकर बंद हुआ, जो 1,100 अंक से अधिक की गिरावट थी। बाद में यह 77,690.95 पर समापन हुआ, जो 1.4% की गिरावट को दर्शाता है। यह गिरावट निफ्टी और सेंसेक्स के लगातार पांचवें सत्र में देखने को मिली, जो लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा बिक्री दबाव का परिणाम है।

FII बिक्री और मूल्यांकन चिंताएं
बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण एफआईआई की निरंतर बिक्री है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय stock market में अधिक मूल्यांकन और कमजोर कॉर्पोरेट लाभ के कारण विदेशी निवेशकों का विश्वास घटा है। कई कंपनियों ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में कमजोर परिणाम पेश किए, जो निवेशकों के लिए चिंता का कारण बने। एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के रिटेल इक्विटी रिसर्च के सहायक उपाध्यक्ष, सौरभ जैन ने कहा, “भारतीय stock market को परफेक्शन के हिसाब से कीमत दी गई थी, और एक सुस्त लाभ सत्र ने निवेशकों में घबराहट को बढ़ाया और मूल्यांकन के संदर्भ में उत्थान बनाए रखने में नाकाम रहा।”
महंगाई और ब्याज दरों पर चिंता
इसके अलावा, अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत तक पहुंच गई, जिससे बाजार में अतिरिक्त दबाव पड़ा। महंगाई के इस बढ़ते स्तर ने भारतीय रिजर्व बैंक से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया। निवेशक अब ब्याज दरों में जल्द कटौती की उम्मीद खो चुके हैं, जिससे बाजार में और अधिक अनिश्चितता बढ़ गई है।
Banknifty में गिरावट और डेरिवेटिव्स के प्रभाव
आज का दिन बैंक निफ्टी के लिए भी निराशाजनक रहा। बैंक निफ्टी इंडेक्स 1,250 अंकों से अधिक गिरकर 50,000 अंक के नीचे चला गया। एचडीएफसी बैंक, जो भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का एक प्रमुख नाम है, 2.26 प्रतिशत गिरकर 1,679.3 रुपये पर बंद हुआ। इसी तरह, आईसीआईसीआई बैंक 1.26 प्रतिशत गिरकर 1,254.55 रुपये पर और एसबीआई 2.23 प्रतिशत गिरकर 808.25 रुपये पर बंद हुआ। साथ ही, आज साप्ताहिक बैंक निफ्टी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स का समापन था, जिससे व्यापारी अपनी पोजीशन समेटने के लिए मजबूर हुए, जो बैंकों के शेयरों पर दबाव डालने का कारण बना।
निवेशकों की बढ़ती सतर्कता और बाजार की कमजोरी
यह गिरावट भारतीय निवेशकों की बढ़ती सतर्कता को भी दर्शाती है। उच्च मूल्यांकन, अनिश्चित मैक्रोइकॉनॉमिक स्थितियां और महंगाई के बढ़ते आंकड़े निवेशकों को बाजार से दूर कर रहे हैं। निफ्टी और सेंसेक्स दोनों ने आज अपने पांच महीने के सबसे निचले स्तरों को छुआ, जो एक महत्वपूर्ण संकेत है कि बाजार में मंदी की स्थिति बन सकती है।
FII की निकासी और निराशाजनक लाभ परिणाम
विदेशी संस्थागत निवेशकों की निरंतर निकासी ने भारतीय बाजारों में और तनाव बढ़ाया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर के अंत से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से लगभग 14 बिलियन डॉलर की निकासी की है, जिससे बाजार में और गिरावट आई है। इसके साथ ही, कॉर्पोरेट लाभों में आई गिरावट ने भी बाजार की स्थिति को प्रभावित किया है। कई कंपनियों ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में कमजोर परिणाम पेश किए, जिससे निवेशकों में और घबराहट फैल गई।
निष्कर्ष
आज का दिन भारतीय stock market के लिए एक बुरा दिन साबित हुआ, जिसमें निफ्टी और सेंसेक्स दोनों में भारी गिरावट आई। विदेशी निवेशकों द्वारा निरंतर बिकवाली, कमजोर कॉर्पोरेट लाभ, बढ़ती महंगाई और मूल्यांकन चिंताएं मुख्य कारण रहे, जिन्होंने बाजार के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा की है। इन सभी कारकों ने मिलकर भारतीय बाजारों को नीचे धकेलने का काम किया। निवेशकों को अब सतर्क रहकर आगामी बाजार परिवर्तनों के लिए तैयार रहना होगा।National Education Day 2024:शिक्षा के महत्व को समर्पित एक दिन!
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