Haryana सरकार ने 29 अक्टूबर 2024 को एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की, जिसके तहत व्यापारियों और करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। यह राहत उन व्यापारियों के लिए है जिन्हें हरियाणा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) अधिनियम के तहत FORM GSTR-7 दाखिल करना होता है। इस अधिसूचना का उद्देश्य व्यापारियों को जीएसटी संबंधित चुनौतियों के बीच राहत प्रदान करना है।
FORM GSTR-7 क्या है?
GST अधिनियम के तहत, वे व्यवसाय जो धारा 51 के तहत स्रोत पर कर (TDS) काटने के लिए जिम्मेदार होते हैं, उन्हें FORM GSTR-7 दाखिल करना होता है। इस फॉर्म के माध्यम से वे सरकार को काटे गए कर की जानकारी और उसे जमा करने की जानकारी देते हैं। यह फॉर्म आमतौर पर सरकारी विभागों, स्थानीय प्राधिकरणों, और कुछ अन्य विशिष्ट संस्थाओं द्वारा भरा जाता है, जो आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान करते हैं और भुगतान करते समय एक हिस्से का कर काटते हैं।
अगर यह रिटर्न समय पर दाखिल नहीं किया जाता है, तो इसमें देरी के कारण लेट फी (Late Fee) लग सकती है, जिसे इस अधिसूचना के तहत आंशिक रूप से माफ किया गया है।
अधिसूचना की मुख्य विशेषताएँ
- GSTR-7 रिटर्न के लेट फी का माफ़ी
इस अधिसूचना का केंद्रीय बिंदु है GSTR-7 रिटर्न की देरी पर लगने वाली लेट फी का माफ़ी। यह माफ़ी उन करदाताओं को दी गई है जिन्होंने तय तारीख तक GSTR-7 रिटर्न दाखिल नहीं किया था। यह माफ़ी 2021 जून से शुरू होने वाली अवधि के लिए लागू होगी।
महत्वपूर्ण जानकारी:
- GSTR-7 के लेट फाइलिंग के लिए सामान्यतः ₹25 प्रति दिन की दर से लेट फी लगती है (केंद्रीय और राज्य कर दोनों के लिए), लेकिन इस अधिसूचना के तहत 2021 जून से देर से दाखिल किए गए रिटर्न्स पर ₹25 प्रति दिन से अधिक की कोई भी लेट फी माफ कर दी गई है।
- हालांकि, अगर कोई करदाता ₹1,000 से अधिक की लेट फी चुका चुका है, तो उस राशि को पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा।
यह निर्णय व्यापारियों को लंबे समय तक रिटर्न दाखिल करने में देरी के बावजूद भारी जुर्माना देने से राहत प्रदान करेगा।
- अगर TDS शून्य है, तो कोई लेट फी नहीं
इस अधिसूचना में एक और महत्वपूर्ण प्रावधान है, जिसके तहत यदि किसी माह में TDS शून्य है, तो उस माह के लिए कोई लेट फी नहीं लगेगी। इसका मतलब है कि अगर करदाता के पास उस माह में कोई TDS देयता नहीं थी और केवल रिटर्न दाखिल करने में देरी हुई थी, तो उसे कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
यह प्रावधान उन करदाताओं के लिए फायदेमंद है जिनके पास उस विशेष माह के लिए कोई TDS देयता नहीं थी, और वे केवल रिटर्न में देरी कर गए थे।
माफ़ी का आवेदन क्षेत्र
यह माफ़ी उन सभी पंजीकृत व्यक्तियों पर लागू होगी जो FORM GSTR-7 दाखिल करने के लिए बाध्य हैं, और विशेष रूप से निम्नलिखित को कवर करती है:
- 2021 जून से शुरू होने वाली अवधि के लिए रिटर्न्स: इसका मतलब है कि जो करदाता 2021 जून से लेकर अब तक किसी भी माह के लिए GSTR-7 रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं, वे इस माफ़ी के पात्र होंगे।
- वे करदाता जिन्होंने निर्धारित समय सीमा तक रिटर्न दाखिल नहीं किया: यह प्रावधान उन करदाताओं पर लागू होगा जिन्होंने समय सीमा से बाहर रिटर्न दाखिल किया और अब उन्हें लेट फी का बोझ उठाना पड़ रहा है।
प्रभावी तिथि
यह अधिसूचना 1 नवंबर 2024 से लागू होगी। इसका मतलब है कि 1 नवंबर 2024 से किसी भी प्रकार की लेट फी ₹25 प्रति दिन (₹1,000 तक) से अधिक नहीं लगेगी।
निष्कर्ष:
हरियाणा सरकार द्वारा GSTR-7 रिटर्न के लिए लेट फी माफ करने का निर्णय व्यापारियों और करदाताओं के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे उन्हें जीएसटी अनुपालन में राहत मिलेगी और उन्हें भारी जुर्माना नहीं देना पड़ेगा।