Donald Trump का Birthright Citizenship पर नया आदेश: H1-B वीजा धारकों के बच्चों पर असर
Donald Trump ने हाल ही में एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जो विदेशी पासपोर्ट धारकों के बच्चों को स्वत: अमेरिकी नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया को समाप्त कर देगा। यह कानून 20 फरवरी से लागू होगा और इसका असर H1-B वीजा धारकों के बच्चों सहित लाखों भारतीयों पर पड़ने की संभावना है।
Birthright Citizenship क्या है?
Birthright Citizenship 14वें संशोधन (1868) के तहत एक संवैधानिक अधिकार है, जो अमेरिकी नागरिकता उन सभी बच्चों को प्रदान करता है जो अमेरिका की धरती पर जन्म लेते हैं, भले ही उनके माता-पिता का कानूनी दर्जा कुछ भी हो। इसे jus soli या “जन्मभूमि का अधिकार” भी कहा जाता है।
वर्तमान कानून के अनुसार, अमेरिका में जन्म लेने वाले किसी भी बच्चे को स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिकता प्राप्त होती है।
नए आदेश के तहत क्या बदलेगा?
डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षरित आदेश के अनुसार, अब अमेरिका में जन्मे बच्चों को तभी नागरिकता मिलेगी जब उनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या ग्रीन कार्ड धारक होगा। इस आदेश की मुख्य बातें:
- अस्थायी वीजा धारकों (जैसे टूरिस्ट, स्टूडेंट, या H1-B वीजा धारक) के बच्चों को अब स्वत: नागरिकता नहीं मिलेगी।
- संघीय एजेंसियां ऐसे बच्चों के लिए नागरिकता प्रमाण पत्र जारी नहीं करेंगी।
- यह आदेश अवैध प्रवासियों के बच्चों पर भी लागू होगा।
H1-B वीजा धारकों के बच्चों पर असर
यह आदेश H1-B वीजा धारकों के बच्चों के भविष्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। USCIS के अनुसार, 10 लाख से अधिक भारतीय ग्रीन कार्ड के इंतजार में हैं। इस आदेश से भारतीय परिवारों को निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं: पुरुषों और महिलाओं के लिए 1000 से कम मूल्य के Valentine’s Day Gifts
- शिक्षा: बिना नागरिकता के, H1-B वीजा धारकों के बच्चों को इन-स्टेट ट्यूशन, संघीय सहायता, और छात्रवृत्ति का लाभ नहीं मिलेगा। इससे उच्च शिक्षा का खर्च काफी बढ़ सकता है।
- रोजगार: नागरिकता के अभाव में इन बच्चों के लिए अमेरिका में नौकरी पाने के अवसर सीमित हो सकते हैं।
- कानूनी स्थिति: बच्चों की कानूनी स्थिति को लेकर परिवारों में तनाव और अस्थिरता बढ़ सकती है।
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इतिहास और विवाद
Birthright Citizenship पिछले 150 वर्षों से अमेरिकी आव्रजन नीति का एक मुख्य आधार रहा है। 14वें संशोधन का उद्देश्य विशेष रूप से गुलामी समाप्त होने के बाद मुक्त लोगों और उनके वंशजों को नागरिकता प्रदान करना था।
आलोचकों का मानना है कि इस कानून का दुरुपयोग अवैध प्रवासियों और अस्थायी वीजा धारकों द्वारा नागरिकता प्राप्त करने के लिए किया गया है। वहीं, समर्थकों का तर्क है कि यह आदेश समानता और समावेशिता के सिद्धांतों के खिलाफ है और समाज में असमानता बढ़ा सकता है।
भारतीय परिवारों पर प्रभाव
H1-B वीजा धारक भारतीय परिवारों पर इस आदेश का भारी प्रभाव पड़ेगा। उनके बच्चों के लिए उच्च शिक्षा और स्थिर करियर के अवसरों तक पहुंच मुश्किल हो सकती है।
यह कानून व्यापक बहस और कानूनी चुनौतियों का कारण बन सकता है, क्योंकि कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह आदेश 14वें संशोधन द्वारा दिए गए संवैधानिक अधिकारों को बदल सकता है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का बर्थराइट सिटिजनशिप पर यह आदेश अमेरिकी आव्रजन नीति में बड़ा बदलाव है। यह नीति अवैध प्रवासियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लाई गई है, लेकिन इसका असर अस्थायी वीजा धारकों और ग्रीन कार्ड के इंतजार में रह रहे परिवारों पर अधिक पड़ेगा। इस फैसले का दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक प्रभाव अब भी अनिश्चित है।