Bharat Global Developers: एक बुल मार्केट में धोखाधड़ी की कहानी

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Bharat Global Developers: एक बुल मार्केट में धोखाधड़ी की कहानी

हाल ही में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने Bharat Global Developers (BGDL) पर कड़ा कदम उठाते हुए कंपनी के शेयरों के व्यापार पर रोक लगा दी है। कंपनी पर वित्तीय गलत बयानी, भ्रामक खुलासे, शेयर बाजार में हेरफेर और अवैध लाभ कमाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह मामला न केवल बुल मार्केट में धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को उजागर करता है, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण सबक है।

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Bharat Global Developers की चौंकाने वाली वृद्धि

Bharat Global Developers के शेयर की कीमत में एक साल के भीतर अप्रत्याशित रूप से 10,000% की वृद्धि हुई। नवंबर 2023 में ₹16.14 से बढ़कर नवंबर 2024 में ₹1,702.95 तक पहुंचने वाली इस वृद्धि ने हर किसी का ध्यान आकर्षित किया। सोशल मीडिया पर इस तेजी की चर्चा ने सेबी को कंपनी के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए प्रेरित किया।

जांच के खुलासे 

सेबी की जांच से यह स्पष्ट हुआ कि कंपनी ने सुनियोजित तरीके से निवेशकों को धोखा देने की रणनीति अपनाई।

  1. प्रबंधन में बदलाव:
    Bharat Global Developers ने अपने प्रबंधन में बदलाव कर चुनिंदा व्यक्तियों को वरीयता के आधार पर शेयर आवंटित किए।
  2. झूठे दावे:
    Bharat Global Developers कंपनी ने बड़े कॉर्पोरेट्स जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा ग्रुप के साथ साझेदारी और रक्षा, एयरोस्पेस, तथा एग्रो-टेक जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रवेश के झूठे दावे किए।
  3. प्रभावशाली वित्तीय प्रदर्शन का भ्रम:
    मार्च 2024 की तिमाही में अचानक राजस्व और खर्चों में तेज वृद्धि दर्ज की गई, जबकि वास्तविकता में कंपनी के पास पर्याप्त संपत्तियां या नकदी प्रवाह नहीं था।
  4. वरीयता आधारित शेयर आवंटन:
    अप्रैल और अगस्त 2024 में 41 निवेशकों को वरीयता के आधार पर 100 मिलियन शेयर आवंटित किए गए। ये शेयर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर बेचे गए।

अवैध लाभ और हेरफेर का खुलासा

Bharat Global Developers ने लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद, 13 वरीयता प्राप्त निवेशकों ने ₹2.7 बिलियन (₹271.6 करोड़) के शेयर बेचे। यह पूरा षड्यंत्र शेयर की कीमत को कृत्रिम रूप से बढ़ाकर अवैध लाभ कमाने के लिए रचा गया था।

भ्रामक प्रचार और झूठी जानकारी

कंपनी ने बड़े अनुबंधों और तकनीकी विशेषज्ञता का दावा करते हुए खुद को एक सफल कंपनी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके चलते आम निवेशकों ने शेयर खरीदे, जिससे कीमतें और भी अधिक बढ़ीं। कंपनी ने इस प्रक्रिया में “कागजी संपत्ति” का निर्माण किया, जिससे उसका बाजार पूंजीकरण ₹12,000 करोड़ से अधिक हो गया।

वित्तीय स्थिति का पर्दाफाश

सेबी की जांच में यह पाया गया कि वित्तीय आंकड़े सच्चाई से कोसों दूर थे।

  • FY23 तक कंपनी के पास नगण्य राजस्व और संपत्तियां थीं।
  • मार्च 2024 में अचानक राजस्व और खर्चों में उछाल देखा गया, जबकि नकदी प्रवाह नकारात्मक था।
  • व्यापार से जुड़ी देनदारियां और प्राप्तियां अप्रत्याशित रूप से बढ़ीं।

शेयरधारकों में असंतुलन

सितंबर 2024 में कंपनी के पास 10,129 शेयरधारक थे, जो दिसंबर 2024 तक बढ़कर 44,976 हो गए। लेकिन इनमें से 99.9% शेयरधारकों के पास 1% से भी कम हिस्सेदारी थी। अधिकांश शेयर वरीयता प्राप्त निवेशकों के पास थे, जिन्होंने इसका भरपूर लाभ उठाया।

सेबी की सख्त कार्रवाई

सेबी ने Bharat Global Developers पर तत्काल प्रभाव से कई प्रतिबंध लगाए:

  1. शेयर ट्रेडिंग पर रोक:
    कंपनी के शेयरों का व्यापार अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया।
  2. प्रबंधन और निवेशकों पर प्रतिबंध:
    कंपनी के प्रबंध निदेशक अशोक कुमार सेवाड़ा, सीईओ मोहसिन शेख, और अन्य निदेशकों के साथ-साथ वरीयता प्राप्त निवेशकों को प्रतिभूति बाजार में भाग लेने से रोक दिया गया।
  3. अवैध लाभ की जब्ती:
    ₹271.6 करोड़ के अवैध लाभ को जब्त कर लिया गया।
  4. अन्य प्रतिबंध:
    कंपनी के अनुपालन अधिकारी को सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ या सार्वजनिक कंपनी के साथ काम करने से रोक दिया गया।

सेबी द्वारा भारत ग्लोबल पर विस्तृत आदेश यहाँ पढ़ें।

बुल मार्केट में धोखाधड़ी के तरीके

भारत ग्लोबल डेवलपर्स का मामला यह दिखाता है कि बुल मार्केट में कंपनियां निवेशकों को कैसे धोखा देती हैं:

  1. फर्जी ऑर्डर का दावा:
    कंपनियां बड़ी परियोजनाओं के झूठे दावे करती हैं।
  2. शेयर विभाजन और बोनस शेयर:
    शेयरधारिता को पतला करने और ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ाने के लिए ये उपाय अपनाए जाते हैं।
  3. वरीयता आधारित शेयर आवंटन:
    चुनिंदा निवेशकों को शेयर आवंटित कर मूल्य हेरफेर किया जाता है।

 

निवेशकों के लिए सबक

यह घटना निवेशकों के लिए एक चेतावनी है। बुल मार्केट में निवेश करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

  1. वित्तीय दस्तावेजों का विश्लेषण करें:
    निवेश से पहले कंपनी के वित्तीय आंकड़ों की गहन जांच करें।
  2. झूठे प्रचार से बचें:
    कंपनियों के द्वारा किए गए दावों को बिना सत्यापित किए न मानें।
  3. विशेषज्ञ सलाह लें:
    निवेश करने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें।

निष्कर्ष

Bharat Global Developers का मामला इस बात का सटीक उदाहरण है कि कैसे कुछ कंपनियां निवेशकों के विश्वास का दुरुपयोग कर बुल मार्केट में धोखाधड़ी करती हैं। सेबी की सख्ती से भविष्य में ऐसे मामलों पर लगाम लगने की उम्मीद है। लेकिन निवेशकों को भी सतर्क रहना होगा ताकि वे अपनी मेहनत की कमाई को ऐसे धोखाधड़ी के शिकार होने से बचा सकें।Putin ने बढ़ते World War 3 के खतरे को लेकर दी चेतावनी

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