पर्यावरण कार्यकर्ता Ben Pennings के खिलाफ Adani Group के केस का बड़ा हिस्सा खारिज, अदालत ने कहा ‘भ्रामक और शर्मनाक’
अदालत का फैसला: Adani Group के दावे खारिज
क्वींसलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण कार्यकर्ता Ben Pennings के खिलाफ भारतीय खनन Adani Group द्वारा दायर केस के बड़े हिस्से को खारिज कर दिया। अदालत ने आदानी के कई दावों को “भ्रामक और शर्मनाक” करार दिया। आदानी ने आरोप लगाया था कि पेनिंग्स की “धमकियों और मांगों” के कारण ग्रेहाउंड और डाउनर जैसी कंपनियां कारमाइकल कोयला खदान से जुड़े अनुबंधों से हट गईं। जज सुसन ब्राउन ने पाया कि इन आरोपों और कंपनियों के फैसलों के बीच कोई स्पष्ट संबंध साबित नहीं किया जा सका।
Ben Pennings का बयान: “बहुत राहत महसूस हो रही है”
फैसले के बाद Ben Pennings ने कहा कि वह “अत्यधिक राहत” महसूस कर रहे हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र और शांतिपूर्ण विरोध के लिए एक जीत बताया। उन्होंने कहा, “चार साल से अधिक समय के बाद, अदालत ने उन आरोपों को खारिज कर दिया है जो झूठे और अनावश्यक थे। हालांकि मामला अभी खत्म नहीं हुआ है, लेकिन अधिकांश आरोप अब हट चुके हैं।”
ALL of the key allegations against me were struck out‼️ It’s also a massive relief that the millions in legal costs Adani was pursuing from my family have been stayed. Make sure we win! 👇🏼
Legal fund – https://t.co/p89v5FQ7Y2
Article – https://t.co/pRQRp3639p pic.twitter.com/iQjEzkJx6F
— Ben Pennings (@BenPennings) December 7, 2024
अदालत ने क्यों खारिज किए Adani Group के दावे?
- ग्रेहाउंड का मामला: जज ब्राउन ने कहा कि Adani Group के दावे यह दिखाने में विफल रहे कि पेनिंग्स के कथित “धमकी भरे बयानों” और ग्रेहाउंड द्वारा अनुबंध रद्द करने के बीच कोई संबंध है।
- डाउनर का मामला: जज ने पाया कि Adani Group के दावे उनकी ही प्रस्तुत की गई जानकारी से मेल नहीं खाते और इनकी कमजोरियां स्पष्ट हैं।
केस की पृष्ठभूमि:
यह मामला 2020 में शुरू हुआ था और अब तक प्रारंभिक चरण में ही रुका हुआ है। शुरू में Adani ने Pennings के घर पर बिना पूर्व सूचना के छापा मारने की कोशिश की थी, जो अदालत ने अस्वीकार कर दिया। दस्तावेज़ों से यह भी पता चला कि Adani Group ने Pennings और उनके परिवार पर निगरानी रखने के लिए निजी जासूसों की सेवाएं लीं।
2023 में, Adani Group ने अपना वह दावा वापस ले लिया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पेनिंग्स ने उनकी गोपनीय जानकारी अवैध रूप से हासिल की थी। Pennings के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि यह आरोप ही उनका मुख्य दावा था और शेष मामले “कमजोर और भ्रामक” हैं।
Adani Group का पक्ष: केस पूरी तरह खारिज नहीं हुआ
Adani Group ने अपने बयान में कहा कि अदालत ने उनके केस को पूरी तरह खारिज करने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने कहा, “हमने यह मामला इसलिए दायर किया ताकि हमारे कर्मचारियों और ठेकेदारों को धमकी और उत्पीड़न से बचाया जा सके।”
Adani Group ने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत ने Pennings पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकरार रखा है, जो उन्हें कंपनी के कर्मचारियों और ठेकेदारों को धमकी देने से रोकता है।भारत में Income Tax कैसे save कर सकते हैं : टिप्स Salaried/Professionals के लिए
क्या आगे होगा?
यह मामला फरवरी तक जारी रहेगा, जब आदानी को नए सिरे से अपने दावे प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। मामले का ट्रायल 2025 में शुरू होने की संभावना है। यह केस पर्यावरण संरक्षण और खनन परियोजनाओं के बीच बढ़ते संघर्ष का प्रतीक बन गया है।
बेन पेनिंग्स की वेबसाइट: Adani vs Pennings
बेन पेनिंग्स ने “Adani vs Pennings“ नामक एक वेबसाइट बनाई है, जहां वे अपने मामले से संबंधित घटनाओं, अदालती कार्यवाही और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने संघर्ष के बारे में जानकारी साझा करते हैं। यह वेबसाइट न केवल उनके खिलाफ आदानी के केस की पारदर्शिता को उजागर करती है, बल्कि शांतिपूर्ण विरोध और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व को भी रेखांकित करती है।
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पेनिंग्स इस वेबसाइट के जरिए जनता को पर्यावरण और खनन उद्योग के प्रभावों के बारे में जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे एक ऐसा मंच बनाया है, जहां उनके समर्थक उनके कानूनी संघर्ष और पर्यावरणीय अभियानों की प्रगति को करीब से देख सकते हैं।
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