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हमारे लाड़ले – Cycle Baba

हमारे लाड़ले - Cycle Baba

हमारे लाड़ले - Cycle Baba

Cycle Baba: एक अद्भुत प्रेरणास्रोत की कहानी

हरियाणा के डॉ. राज फंदन, जिन्हें दुनिया Cycle Baba के नाम से जानती है, पर्यावरण संरक्षण और जीवन की सरलता का अद्भुत उदाहरण हैं। 5 सितंबर 2016 को हरियाणा के फतेहाबाद से अपनी यात्रा शुरू करने वाले Cycle Baba ने अब तक 92 देशों की यात्रा पूरी कर ली है। उनका मिशन ‘व्हील्स फॉर ग्रीन’ न केवल एक यात्रा है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक अभियान भी है।

 

Cycle Baba Dr. Raj Phanden
Dr. Raj Phanden

पत्नी की स्मृति बनी प्रेरणा

Cycle Baba की इस विश्व यात्रा के पीछे एक गहरी व्यक्तिगत कहानी है। 2008 में उनकी पत्नी कविता का निधन हुआ। इस दुखद घटना ने उनके जीवन में एक गहरा असर डाला और उन्होंने पूरी दुनिया में पर्यावरण का संदेश देने के लिए साइकिल यात्रा करने का निर्णय लिया। यह यात्रा उनके लिए केवल एक मिशन नहीं, बल्कि उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि भी है।

यात्रा के अनुभव

Cycle Baba अब तक एशिया, यूरोप और अन्य महाद्वीपों के 92 देशों की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने भारत, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, चीन, जापान, यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड जैसे देशों में साइकिल से सफर किया है। उनकी यात्रा का कुल आंकड़ा एक लाख किलोमीटर से अधिक है। उनका लक्ष्य है कि 2030 तक पूरी दुनिया को अपनी साइकिल से नापा जाए।

पर्यावरण संरक्षण का संदेश

Cycle Baba का मानना है कि हमारी धरती को बचाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। वह हर देश में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाते हैं। उनकी यात्रा का उद्देश्य है कि लोग प्रकृति की रक्षा के प्रति जागरूक हों और अपनी जिम्मेदारी को समझें।

मानवता और प्रकृति के प्रति समर्पण

Cycle Baba की यात्रा केवल एक व्यक्ति के सपने को पूरा करने की कहानी नहीं है, बल्कि यह मानवता और प्रकृति के प्रति उनके गहरे समर्पण का प्रतीक है। वह जहां भी जाते हैं, वहां के लोगों से मिलते हैं, उनकी संस्कृति को समझते हैं और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाते हैं। साइकिल बाबा का मानना है कि यदि हर व्यक्ति अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाए, तो दुनिया को बेहतर और हरित बनाया जा सकता है। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान लोगों को सिखाया है कि छोटे-छोटे बदलाव जैसे प्लास्टिक का उपयोग कम करना, साइकिल जैसे पर्यावरण-अनुकूल साधनों का उपयोग करना और वृक्षारोपण जैसे प्रयासों से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उनका यह मिशन न केवल पर्यावरण संरक्षण तक सीमित है, बल्कि यह एक ऐसे जीवन का संदेश भी देता है जो सादगी, कड़ी मेहनत और एकजुटता के मूल्यों पर आधारित है।

चुनौतियों के बावजूद हौसला बुलंद

Cycle Baba का सफर आसान नहीं रहा। नई जगहों पर ठहरने और खान-पान की चुनौतियों के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। भारतीय दूतावास हर देश में उनकी मदद करता है, जहां वे वीजा जैसी औपचारिकताएं पूरी करते हैं।

Cycle Baba की सपनों की साइकिल

Cycle Baba ने अपनी यात्रा की शुरुआत ₹2 लाख की साइकिल से की थी। अब वह ₹5 लाख की नई साइकिल खरीदने की योजना बना रहे हैं, जो उनकी आगे की यात्रा के लिए अधिक सुविधाजनक होगी।

 

युवाओं को संदेश

Cycle Baba युवाओं से कहते हैं कि वे यात्रा करें, चाहे वह साइकिल से हो, ट्रेन से या पैदल। यात्रा से न केवल नई संस्कृतियों और भौगोलिक ज्ञान की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी मिलते हैं।Cristiano Ronaldo का Santa village से दिल को छूने वाला क्रिसमस संदेश

एक प्रेरणादायक यात्रा

Cycle Baba की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है। उनकी असीम ऊर्जा, दृढ़ निश्चय और पर्यावरण के प्रति समर्पण हमें यह सिखाता है कि यदि हमारा इरादा मजबूत हो, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती। उनकी यात्रा एक सच्ची प्रेरणा है, जो हमें बेहतर भविष्य की ओर ले जाती है।

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